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पिता करते कारपेंटर का काम, क्रिकेट के लिए झेली बड़ी-बड़ी मुसीबत, अब भारत को जीत दिला नाम किया रोशन

आईसीसी t20 महिला वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम इन दिनों दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है। जहां पर वह वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका के साथ त्रिकोणीय सीरीज में शिरकत कर रही है। त्रिकोणीय सीरीज के एक मुकाबले में भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें आमने-सामने थीं। जहां पर टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को 27 रनों से मात दी है।

टीम इंडिया को इस मुकाबले में जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इस मुकाबले में डेब्यू करने वाली अमनजोत कौर (Amanjot Kaur) ने। उनके अलावा इस मुकाबले में दीप्ति शर्मा ने भी कमाल का काम किया।

अमनजीत कौर को उनके पहले ही मुकाबले में 30 गेंदों पर 41 रनों की पारी के लिए ‘प्लेयर आफ द मैच’ चुना गया। इस युवा क्रिकेटर की कहानी काफी प्रेरणा दायक है। उन्होंने भारतीय टीम की स्क्वाड में जगह बनाने से पहले काफी संघर्ष झेला है।

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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए खेली ताबड़तोड़ पारी

अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में छा जाने वाली अमनजीत कौर के बारे में अब कौन नहीं जानना चाहता है? इस युवा खिलाड़ी ने नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को विषम परिस्थितियों से निकालकर बड़े स्कोर तक पहुंचाया। अमनजोत और दीप्ति शर्मा के बीच 76 रनों की शानदार साझेदारी हुई। भारत द्वारा मिली लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम मुकाबले में 120 रन ही बना पाई।

अमनजोत के पिता करते हैं यह काम

इस क्रिकेटर ने 15 साल की उम्र में पहली बार क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की और अब केवल 23 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय टीम का सफर तय कर लिया है। इनके अंदर काफी प्रतिभा है।

इनके पिता पेशे से कारपेंटर हैं। बेटी को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए इनके पिता ने कई संघर्ष झेले हैं। इनके पिता ने इन्हें क्रिकेट अकैडमी में एडमिशन दिलाया। बेटी क्रिकेट की अच्छी ट्रेनिंग ले सके इसके लिए उन्होंने कई शहरों का सफर किया। ऐसे में अब उनकी बेटी टीम इंडिया के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेल रही है।

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