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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, आर्थिक पैकेज को लेकर दी ये अहम जानकारी

कोरोना महामारी को लेकर मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में पीएम ने एक आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। वहीं इस आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को शाम  4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमे उन्होंने पैकेज जुड़ी सभी डिटेल साझा की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समाज के कई वर्गों से बातचीत कर पैकेज तैयार किया गया है। पैकेज के जरिए ग्रोथ को बढ़ाना है। भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत का मतलब आत्मविश्वासी भारत का है, जो लोकल लेवल पर उत्पाद बनाकर ग्लोबल उत्पादन में योगदान करे, न कि अपने में सीमित रहे। इसी के साथ वित्त मंत्री ने कहा कि स्थानीय ब्रांड को दुनिया में पहचान दिलानी है। आत्मनिर्भर भारत का मतलब आत्मविश्वासी भारत का है, जो लोकल लेवल पर उत्पाद बनाकर ग्लोबल उत्पादन में योगदान करे, न कि अपने में सीमित रहे।

इसी के साथ वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि लॉकडाउन के बाद गरीब कल्याण योजना का ऐलान किया गया था। लॉकडाउन में राशन और अनाज का वितरण किया गया। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको भी राशन मुहैया करवाया गया। लोगों के खाते में पैसे पहुंचाए गए।

वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटे उद्योगों (MSME) के लिए 6 बड़े कदम उठाए गए हैं। इनमें MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा। 45 लाख यूनिट हैं। चार साल के लिए लोन दिया जाएगा। वहीं संकट में फंसे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है एएमएसएमई जो सक्षम हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है। ज्यादा टर्नओवर के बावजूद एमएसएमई का दर्जा खत्म नहीं होगा।

एक करोड़ के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी। कारोबार ज्यादा होने पर भी एमएमएमई का फायदा मिलता रहेगा। वहीं मीडियम के लिए 20 करोड़ रुपये तक की निवेश सीमा होगी। हर तरह के सेक्टर में लगी एमएसएमई को योजना से फायदा होगा वहीं 15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान सरकार कर रही है। इसमें करीब 2500 करोड़ रुपये का खर्च होगा

नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान किया गया है। एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा। आं​शिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा। इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90 हजार करोड़ रुपये की योजना सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, हाइवे आदि छह महीने तक ठेकेदारों को राहत देंगे। पीपीपी में भी छह महीने तक राहत दी जा सकती है

रियल एस्टेट के मामले में एडवाइजरी जारी होगी कि सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च से आगे 6 महीने तक मोहलत दी जाए। वहीं मार्च 2021 तक TDS-TCS की दरों में 25 फीसदी की कटौती। आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 होगी। विवाद से विश्वास स्कीम 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाई गई।