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खाड़ी देश में फंसे प्रवासियों के लिए आयी बुरी खबर, केंद्र सरकार की तत्काल वापस लाने की नहीं कोई योजना

कोरोना वायरस की वजह से सभी देशों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। वहीं इस लॉकडाउन की कारण सभी यात्राओं पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। जिसकी वजह से कई भारतीय नागरिक खाड़ी देशों में फंसे हुए हैं। वहीं खाड़ी देशों में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए भारत सरकार की तरफ से एक बुरी खबर सामने आई है।दरअसल, शुक्रवार को केन्द्र ने केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण खाड़ी देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने की तत्काल कोई योजना नहीं है लेकिन इन प्रवासियों को वीजा विस्तार दिया गया है।

संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) में फंसे भारतीयों को लेकर वापस लाने संबंधी निर्देश दिये जाने के अनुरोध वाली एक याचिका की सुनवाई के दौरन केन्द्र सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति राजविजयराघवन और न्यायमूर्ति टी आर रवि की एक खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी कि यूएई में फंसे हुए भारतीयों की चिकित्सीय जांच करने के लिए वहां मेडिकल टीमों को भेजने के लिए खाड़ी देशों की अनुमति की आवश्यकता होती है।

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वहीं अब अदालत ने विचार के लिए मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 अप्रैल तय की। इसी के साथ केन्द्र सरकार ने बताया कि इस तरह की एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय भी विचार कर रहा है।

आपको बता दें, दुनियाभर में कोरोना वायरस के कारण 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौ’त हो चुकी है साथ ही 22 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी देशों में लॉकडाउन लगाया गया है। इसी के साथ विश्वइ स्वासस्य्त संगठन ने जब से इस बीमारी को महामारी के तौर पर घोषित किया उसके बाद कई देशों ने विमानों पर रोक लगा दी है। वहीं भारत में भी 3 मई तक चलने वाले लॉकडाउन के कारण सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक दी गयी है।