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Sourav Ganguly On Indian Captaincy : सात महीनों में सात कप्तान आदर्श नहीं, लेकिन हमें ऐसा करना पड़ा

Sourav Ganguly On Indian Captaincy : बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने एक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी से साक्षात्कार के दौरान कई सवालों के जवाब दिये, जिसमें पिछले सात महीनों में टीम इंडिया के सात कप्तान बदलने का मुद्दा भी शामिल रहा। इस पर सौरव गांगुली ने कहा कि “मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि इतने कम समय में सात अलग कप्तान रखना आदर्श नहीं है, लेकिन ऐसा इसलिये हुआ क्याोंकि कुछ अपरिहार्य परिस्थितियां पैदा हुई। जैसे रोहित सफेद गेंद क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका में अगुआई करने वाले थे, लेकिन दौरे से पहले वह चोटिल हो गए। इसलिये राहुल ने वनडे में कप्तानी की और फिर हाल में दक्षिण अफ्रीका की घरेलू श्रृंखला में राहुल श्रृंखला शुरू होने से एक दिन पहले चोटिल हो गया। इंग्लैंड में रोहित अभ्यास मैच खेल रहा था जब उसे कोविड-19 संक्रमण का पता चला। इन हालात के लिये कोई जिम्मेदार नहीं है”।

वहीं, खिलाड़ियों को ब्रेक देने के मुद्दे पर गांगुली ने कहा कि “अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में मेरा मानना रहा है कि जितना आप खेलोगे, उतना बेहतर होगे और उतना ही फिट होगे। इस स्तर पर आपको ‘गेम टाइम’ चाहिए और आप जितने ज्यादा से ज्यादा मैच खेलोगे, उतना आपका शरीर मजबूत होगा। हां, आईपीएल 2008 से शुरू हुआ लेकिन मैं चाहूंगा कि आप देखें कि हमने अपने करियर में कितना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। अगर आप तुलना करो तो कैलेंडर वर्ष में भारतीय टीम के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ा है। हमने काफी वनडे क्रिकेट खेला इसलिये अगर आप देखोगे तो अंतरराष्ट्रीय मैचों के दिन की संख्या लगभग समान ही है”।

Sourav Ganguly On Indian Captaincy

Sourav Ganguly On Indian Captaincy : भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा का ‘पूल’ समय के साथ बढ़ेगा

जब सौरव गांगुली से पूछा गया कि अब आईपीएल में 10 टीमें हैं और बीसीसीआई को आगामी वर्षों में टीमों और मीडिया अधिकारों की बिक्री से 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई होगी। तो आपको नहीं लगता कि भविष्य में हम जो खिलाड़ी तैयार करेंगे, उनके हुनर से समझौता होगा क्योंकि संख्या भी बढ़ेगी? इसके जवाब में दादा ने कहा “बिलकुल नहीं। बल्कि इसके उलट, मैं कहूंगा कि भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा का ‘पूल’ समय के साथ बढ़ेगा ही और आईपीएल ने हमें दिखा दिया है कि इस देश में हमारे पास प्रतिभा में कितनी गहराई है”।

बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल के अनुभव पर उन्होंने कहा कि “2019 से अभी तक यह शानदार अनुभव रहा है। आपको भारतीय क्रिकेट की बेहतरी के लिये काम करने और बदलाव करने का मौका मिलता है। जब मैं बीसीसीआई से जुड़ा तो मुझे प्रबंधन में पांच साल का अनुभव था, क्योंकि मैं कैब (बंगाल क्रिकेट संघ) संयुक्त सचिव और फिर बाद में अध्यक्ष के तौर पर काम कर चुका था”।