Placeholder canvas

क्रिकेट के खेल में बना रहेगा टॉस, बॉल टेंपरिंग और दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को मिलेगी कड़ी सजा

क्रिकेट में टॉस को खत्म करने को लेकर हाल ही में बहुत सी बातें सामने आ रही थी, लेकिन अब आईसीसी ने साफ़ कर दिया है, कि क्रिकेट इतिहास में टॉस की सबसे पुरानी परंपरा बनी रहेगी. जबकि बॉल टेंपरिंग और निजी तौर पर दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी की क्रिकेट समिति ने टॉस को क्रिकेट में बने रहने के फैसले को स्वीकार किया है.

टॉस की यह परंपरा जुलाई 2019 से शुरू होने वाली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान भी पूरी तरह से बनी रहेगी. क्रिकेट समिति ने टॉस को बनाए रखने के साथ-साथ यह भी सिफारिश की है कि चैंपियनशिप के दौरान सीरीज के लिए नहीं बल्कि मैचों के लिए दिए जाएंगे.

इसके अतिरिक्त बॉल टेम्परिंग और मैदान पर दुर्व्यवहार को लेकर और कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है. आपकों बता दें, कि सब फैसलें भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति ने लिए है.

समिति ने अपना एक बयान जारी करते हुए कहा है, कि टॉस टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे अभिन्न अंग है और यह परंपरा अभी बने रहेगी. अगर कोई खिलाड़ी बॉल टेम्परिंग या मैदान पर दुर्व्यवहार करते पाया जाता है, तो हम उसे कड़ी सजा देंगे.