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गुजरात से राजस्थान तक पैदल जाने के लिए मजबूर हुए मजदूर, किराए के लिए मालिकों ने दिए सिर्फ 500 रुपए

New Delhi: अहमदाबाद में काम करने वाले हजारों मजदूर राजस्थान में घर तक पैदल जाने के लिए मजबूर हो गए है। दरअसल हुआ यूं कि इन सभी मजदूरों के मालिकों ने कोरोना के प्रकोप देखते हुए लॉकडाउन की वजह से अपना काम बंद कर दिया। बुधवार को कई मजदूरों को साबरकांठा जिले के हाईवे पर पैदल ही बच्चों के साथ-साथ अपना सामान ले जाते देखा गया। उनमें से कई बुधवार दोपहर को इदर, हिम्मतनगर और प्रांतिज पहुंचे, लेकिन गर्मी के कारण पूरी तरह से थक गए थे।

गुजरात में काम कर रहे एक राजस्थानी मजदूर ने कहा, “मैं अहमदाबाद के रानीप इलाके में काम कर रहा था और मेरे मालिक ने मुझे छोड़ने के लिए कहा। उसने मुझे बस किराया दिया, लेकिन इस समय सभी बसे और ट्रेने बंद हैं, इसलिए हमें अपने गांव वापस जाने के लिए मजबूरन पैदल चलना पड़ रहा है। परिवारों को भोजन और पानी मिलना मुश्किल हो गया क्योंकि प्रोहेबिटेड आदेशों के कारण सभी सड़को के होटल बंद हैं। उनमें से ज्यादातक लोगों के मालिक ने अपने मजदूरो को मुआवजे के रूप में 500 रु दिए है। हालांकि, उन्हें साबरकांठा पुलिस से मदद मिली जिन्होंने उन्हें भोजन खिलाने का काम किया।

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साबरकांठा के पुलिस अधीक्षक चैतन्य मंडलीक ने कहा “मैंने इन मजदूरों को आश्वस्त किया है कि राजस्थान के दूर सिरोही, उदयपुर या डूंगरपुर में उनके गांवों तक पहुंचने के लिए परिवहन के रूप में उन्हें कुछ मदद प्रदान की जाएगी। हमने उन्हें कपास की थैलियों में भोजन, बिस्कुट और पानी उपलब्ध कराया। इन मजदूरों ने एक असभ्य और गंभीर जोखिम लिया है, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है। ” मजदूरों को चार लोगों के समूह में चलने के लिए कहा गया है क्योंकि प्रतिबंधात्मक आदेशों में चार से अधिक लोगों की सभा पर प्रतिबंध है। मांडलिक ने कहा कि राजस्थान की ओर जाने वाले भारी वाहनों को परिवहन के लिए घर देने के लिए कहा जाएगा।