Placeholder canvas

यह 4 ऑलराउंडर के लिए कहावत बिलकुल ठीक ‘ऊँची दूकान फीके पकवान’

हैलो दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे है उन खिलाड़ियों की जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में तो शानदार प्रदर्शन करके सबका धयान अपनी तरफ खींचा, लेकिन जब इन्ही खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय टीम में मौका मिला, तो यह अपनी ज्यादा चमक छोड़ने पर नाकामियाब रहे.
तो आईये जानते है उन खिलाड़ियों के बारे में-
जेहन में सबसे पहला नाम वेस्टइंडीज़ के कार्लोस ब्रेथवेट का आता है, क्योकि कोई भी जो क्रिकेट प्रेमी है. जिसने टी-20 विश्वकप 2016 फाइनल देखा हो, उसने बेन स्टोक्स के 20वें ओवर में ब्रेथवेट द्वारा मारे गए 4 छक्के देखे है. जहां से उन्होंने अपने कदम ऊचाईयो की तरफ बढ़ाने शुरू किये.
वही से वो लोगो के बीच फेमस होने लगे, लेकिन जिस तरह से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज़ किया. उस तरह वह अपने खेल को उस स्तर से आगे बढ़ाने में कामियाब नहीं हो सके.
इस लिस्ट में दूसरा नाम आता ऑस्ट्रेलिया के मार्कस स्टोइनिस का, इनको शेन वॉटसन के रिप्लेसमैंट के तौर पर देखा जाता है पर यह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए है. 
अगस्त 2015 से ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलना शुरू किया और तब से आज तक इन्होने 18 वनडे मैचों में 45.88 की औसत से 642 रन, टी-20 के 7 मैचो में 10 की औसत से ही रन बना पाए है.
लिस्ट में तीसरा नाम श्रीलंका के थिसार परेरा जा आता है जिन्होंने 6 टेस्ट मेचो में 20.30 की औसत से 203 रन बनाये व व गेंदबाज़ी में 59.38 की औसत से 4 विकेट लिए है.
वही वनडे में 133 मैचों में लगभग 18 की औसत से 1586 रन बनाये, वही गेंदबाज़ी में लगभग 31 की औसत से 149 विकेट हासिल किये और टी-20 के 73 मुकाबलों में लगभग 24 की औसत से 1020 रन बनाये. वही गेंदबाज़ी में लगभग 31.52 की औसत से 50 विकेट लिए है. यह भी अपने बल्ले व गेंद से कोई ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए.
चौथा नाम आता है भारत के बाये हाथ के बल्लेबाज़ व गेंदबाज़ अक्षर पटेल का, जिन्होंने 38 वनडे मैचो में लगभग 13 की ख़राब औसत से 181 रन बनाये है तथा गेंदबाज़ी में लगभग 31 की औसत से 45 विकेट लिए है.