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Hardik Pandya बोले- जब मैं भारतीय टीम में गया तो मैं राॅ मैटेरियल था, माही भाई ने मुझे तैयार किया

भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) बीते साल के अक्टूबर-नवंबर महीने में UAE में खेले गए आईसीसी T-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम में शामिल थे। मगर अब यह खिलाड़ी फिटनेस के कारण टीम से बाहर चल रहा है।

Hardik Pandya टीम में वापसी के लिए फिटनेस पर काफी फोकस कर रहे हैं। इस ऑलराउंडर खिलाड़ी को पीठ की समस्याओं के कारण कुछ समय के लिए गेंदबाजी से किनारा करना पड़ा था। इसके बाद उनकी समस्याएं वर्ल्ड कप के दौरान कंधे की चोट के कारण और बढ़ गई थी।

आईपीएल में इस टीम की कप्तानी करते नजर आएंगे पांड्या

namo staहार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद टीम प्रबंधन ने युवा खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर को टीम में जगह दी मगर वह कुछ खास नहीं कर सके। अब हार्दिक पांड्या पूरी तरीके से फिट होने के लिए रिहैबिलिटेशन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। स्टार खिलाड़ी अब आईपीएल के 2022 सीजन में अपना जलवा दिखाएगा। आईपीएल के अगले सत्र के लिए उन्हें अहमदाबाद की टीम ने अपना कप्तान बनाया है।

हार्दिक पांड्या जब फिट थे तब वह गेंदबाजी और बल्लेबाजी से भारतीय टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करते थे। उन्होंने बोरिया मजूमदार के साथ एक शो में बातचीत के दौरान अपने कैरियर को सही रास्ते पर लाने के लिए टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को श्रेय दिया है।

धोनी चाहते थे कि गलतियों से सीख कर बढूं आगे

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उन्होंने कहा, ”मैंने सभी से बहुत कुछ सीखा है और विशेष रूप से माही भाई से क्योंकि जब मैं वहां (भारतीय टीम) गया था, तो मैं कच्चा माल (रॉ मैटेरियल) था। उन्होंने जिस तरह से मुझे तैयार किया, जिस तरह से उन्होंने मुझे बहुत आजादी दी। वह चाहते थे कि मैं अपनी गलतियों से सीखूं।”

टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर Hardik Pandya ने खुलासा करते हुए कहा कि जब वह पहली बार टीम में शामिल हुए थे तो उनको लगा था कि सिंह धोनी उन्हें गेंदबाजी कहां करवानी है। इसके बारे में कहेंगे लेकिन धोनी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। महेंद्र सिंह धोनी चाहते थे कि हार्दिक पांड्या खुद गेम को बारीकी से समझे।

पहले ही T-20 में सोच लिया था कि अब मेरा आखिरी गेम है

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उन्होंने आगे कहा, “मुझे याद है कि मैंने (T-20) डेब्यू पर अपने पहले ओवर में 22 या 24 रन (19) दिए थे और मुझे सच में लगा कि यह मेरा पहला और आखिरी गेम है। इसलिए, जब उन्होंने मुझे दूसरा ओवर करने के लिए कहा, तो मुझे लगा कि वह किसी और की बात कर रहे हैं। फिर मैं गया और जाहिर है, चीजें बदल गईं। इसलिए, मैंने उससे जो सीखा वह यह है कि उसने कभी नहीं दिखाया कि वह वहां है लेकिन वह हमेशा वहां था।”

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