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हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती, ये बात जोधपुर की आशा कंडारा पर अच्छे से लागू होती है। दरअसल सफाई कर्मी आशा कंडारा ने अब आरएसएस अफसर बन गई है। आशा की कहानी कई महिलाओं के लिए एक मिसाल है। आशा के पिता राजेंद्र कंडारा लेखा सेवा से रिटायर हो चुके हैं।

बता दें, आशा जोधपुर नगर निगम उत्तर में बतौर सफाईकर्मी कार्यरत है, लेकिन उसने अपने इस कार्य के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दिया और राजस्थान प्रशासनिक सेवा में सफल होकर बता दिया कि वह भी किसी से कम नहीं है। अपनी कड़ी मेहनत के बल पर जोधपुर की सड़कों पर झाडू निकालने वाली आशा अब राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिये चयनित हो गई है।

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आशा की सफलता की कहानी उस कहावत को पुख्ता करने का बेहतरीन उदहारण जिसमें कहा गया है कि ‘कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है’।

दो बच्चों की मां कंदारा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा, 2018 उत्तीर्ण की। इस परीक्षा के परिणाम में देरी हुई और आखिरकार 13 जुलाई, 2021 को नतीजा घोषित किया गया। वह इस समय अकेले ही अपने बच्चों को संभाल रही हैं, क्योंकि कुछ वर्ष पहले वह अपने पति से अलग हो गई थीं। उन्होंने कहा, मुझे शादी टूटने, जातिगत भेदभाव से लेकर लैंगिक पूर्वाग्रह तक बहुत कुछ सहना पड़ा, लेकिन मैंने कभी खुद को दुख में नहीं डूबने दिया और इसके बजाय लड़ने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, मैंने 2018 में जोधपुर नगर निगम के लिए सफाई कर्मचारी की परीक्षा दी और इसे उत्तीर्ण कर लिया। कंदारा ने सफाईकर्मी के रूप में अपनी ड्यूटी निभाने के साथ-साथ आरएएस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने अगस्त 2018 में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की और इससे वह अंतिम परीक्षा की तैयारी के लिए प्रोत्साहित हुई।’