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5 दिग्गज खिलाड़ी, जिन्होंने संन्यास के बाद दोबारा इंटरनेशनल क्रिकेट में की वापसी, लिस्ट में 1 भारतीय

अगर कहा जाए क्रिकेट का खेल फिटनेस पर निर्भर है तो इसमें कोई दो राय नहीं है। क्रिकेट खेलने के लिए खिलाड़ी का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है।

ऐसे में क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी की जीवन में एक ऐसा समय आता है जब वह इस खेल के लिए पूरी तरह से फिट नहीं होता है और उसके प्रदर्शन में भी गिरावट देखने को मिलती है। ऐसी स्थिति में खिलाड़ी को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ता है।

जबकि कई खिलाड़ियों के संन्यास लेने की वजह फिटनेस ना होकर कई अन्य कारण होते हैं। यानी कि अगर साफ शब्दों में कहें कि क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब उसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा ही कहना पड़ता है।

फिर भी क्रिकेट के खेल में कुछ ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहकर दोबारा क्रिकेट के मैदान में वापसी की है। हम इस आर्टिकल के जरिए हम उन पांच खिलाड़ियों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने संन्यास लेने के बाद दोबारा इंटरनेशनल क्रिकेट खेला है।

1-शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi)

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान कई बार इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा है। उन्होंने पांच बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर 4 बार वापसी की है।

शाहिद अफरीदी ने सबसे पहले 2006 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था इसके बाद उन्होंने 2010 में कप्तान के तौर पर वापसी की थी। फिर दोबारा उन्होंने साल 2011 की वर्ल्ड कप के बाद टीम के कोच के साथ कंट्रोवर्सी के बाद वनडे से संन्यास लेने की बात कही थी।

और साल बीतने भी तो थे वह टीम में दोबारा वापसी कर चुके थे। और फिर 1 साल 2015 में मिस्बाह उल हक की कप्तानी में वर्ल्ड कप खेले थे।साल 2018 में शाहिद अफरीदी ने पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

2- केविन पीटरसन (Kevin Pietersen)

इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान लगाने के लिए साल 2011 में लिमिटेड ओवर के क्रिकेट को पूरी तरह अलविदा कह दिया था।

लेकिन कुछ महीने बीतने के बाद ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी की थी। इंग्लिश क्रिकेटर का पूरा कैरियर विवादों से भरा हुआ था।

3-ड्वेन ब्रावो (Dwayne Bravo)

ड्वेन ब्रावो (Dwayne Bravo) वेस्टइंडीज के जाने-माने दिग्गज खिलाड़ी हैं। उन्होंने साल 2018 के अक्टूबर माह में इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट लेने का फैसला किया था।

उन्होंने अपने रिटायरमेंट के साथ ही अपने बयान में कहा था कि वह फ्रेंचाइजी T20 क्रिकेट खेलते रहेंगे। हालांकि इसके बाद उन्होंने दिसंबर 2019 में अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी की और साल 2020 में खेले जाने वाले आईसीसी T20 वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुट गए थे। साल 2020 में खेला जाने वाला आईसीसी T20 वर्ल्ड कप 2021 में खेला गया था।

4-इमरान खान (Imran Khan)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद का दायित्व संभाल चुके इमरान खान (Imran Khan) राजनीति में आने से पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान हुआ करते थे। उन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट में 362 विकेट लेने के साथ 3807 रन भी बनाए हैं।

इमरान खान ने साल 1987 का विश्वकप खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। लेकिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने उन्हें साल 1988 में दोबारा टीम की कप्तानी करने के लिए कहा और इसके बाद उन्होंने 18 जनवरी टीम में वापसी का फैसला किया था। इमरान खान की कप्तानी में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम ने साल 1992 का वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था।

5-जावेद मियांदाद (Javed Miandad)

पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद Javed Miandad) को आज भी क्रिकेट जगत के दिग्गज 1986 में शारजाह में भारत के खिलाफ आखिरी गेंद पर छक्का लगाने के लिए जानते हैं।

आपको बताते चलें कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान की तरह ही जावेद मियांदाद ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था मगर उन्होंने 10 दिनों बाद ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोबारा लौटने का फैसला किया था।

उस दौरान की प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) ने जावेद मियांदाद से साल 1996 के विश्व कप में पाकिस्तान के लिए खेलने की गुजारिश की थी। इसके बाद उन्होंने 1996 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

6. जवागल श्रीनाथ 

भारतीय टीम के गेंदबाज जवागल श्रीनाथ  ने साल 2002 में क्रिकेट से संन्यास लिया था, हालांकि बाद में सौरव गांगुली के कहने पर उन्होंने एक बार फिर मैदान पर वापसी की थी।

इसका फायदा यह हुआ था कि साल 2003 के वर्ल्ड कप वो भारतीय टीम के लिए सबसे बड़े मैच विनर बनकर उभरे थे, हालांकि टीम इंडिया को उस वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।

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