Placeholder canvas

क्रिकेट खेल के 5 ऐसे अनोखे नियम, जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे

क्रिकेट खेल की शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी। इंग्लैंड को क्रिकेट का जन्मदाता भी कहा जाता है। लेकिन अब इस खेल दुनिया भर में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। T20 क्रिकेट के चलते इस खेल को दिन-ब-दिन लोकप्रियता हासिल हो रही है। हालांकि, इंडिया का राष्ट्रीय खेल हाकी है लेकिन क्रिकेट की दीवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोलती हैं। यहां पर लोग क्रिकेटरों को भर भर कर प्यार देते हैं।

ऐसे में कहें तो हॉकी की अपेक्षा क्रिकेट को अधिक प्यार मिलता है। ऐसा इसलिए शायद सरकार की बेरुखी के कारण हो रहा है। क्रिकेट का खेल अनिश्चित अदाओं का खेल माना जाता है। खेल के मैदान पर कब क्या घटित हो जाए किसी को पहले से कुछ जानकारी नहीं रहती है।

इस खेल में कई ऐसे रूल्स होते हैं जिनके बारे में सामान्य फैंस को इतनी जानकारी नहीं होती है। जितना की कोई एक्सपर्ट क्रिकेट फैंस क्रिकेट के बारे में जानता है। ऐसे में हम इस आर्टिकल के जरिए 5 नियमों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानकारी रखते हैं।

यहां पर देखें उन 5 नियमों के बारे में

  1. क्रिकेट के खेल में अगर गेंद खो जाए तो क्या होता है

ball

आज के समय में दुनिया भर में टी-20 लीग का चलन काफी तेजी से। और क्रिकेट खेल के इस फॉर्मेट में दर्शकों को खूब चौके छक्के देखने को मिलते हैं।

ऐसे में कई बार ऐसा मौका आता है जब गेंद स्टेडियम के बाहर चली जाती है या फिर दर्शकों के बीच गुम हो जाती है। तब अंपायर नई गेंद उपयोग में लाने की अनुमति प्रदान करते हैं। य आवश्यक है कि जितनी उम्र ओवर गेंद हुई है उतनी ओवर पुरानी गेंद का उपयोग करने की अनुमति मिलती है।

2. मांकडिंग रन आउट

MANKDINGक्रिकेट को भद्र जनों का खेल माना जाता है लेकिन फिर भी इस खेल में कभी कभार दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच तकरार देखने को मिलती है। खिलाड़ी को मांकडिंग आउट करने का तरीका बिल्कुल अलग है।

बीते कुछ साल पहले आईपीएल में एक खिलाड़ी के मांकडिंग आउट आने के बाद इस नियम के बारे में चर्चाएं और तेज हो गई थी। इस तरह सबसे पहले भारत के विनोद मकड़ने ने साल 1947 में ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को टेस्ट मुकाबले के दौरान रन आउट किया था। इस नियम के अनुसार, दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को तब तक क्रीज नहीं छोड़नी चाहिए जब तक गेंदबाज गेंद न फेंक चुका हूं।

आपको बताते चलें कि इस तरह से खिलाड़ी को आउट करने को खेल भावना के विरुद्ध माना जाता है। ऐसा ही एक उदाहरण आईपीएल 2019 के दौरान देखने को मिला था जब भारत के स्टार गेंदबाज आर अश्विन में आईपीएल में पंजाब की उसके लिए खेलते हुए राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जोश बटलर को मांकडिंग रन आउट कर दिया था। तब इस मामले को लेकर काफी बवाल मचा था। और अश्विन की चौतरफा आलोचना हुई थी।

3. बॉल हैंडलिंग रूल्स

bawl handlingक्रिकेट की फील्ड पर ‘बाल हैंडलिंग’ से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं इस नियम के अनुसार यदि एक बल्लेबाज क्रीज पर जानबूझकर गेंद को छेड़ता है या पैर से रोकता है या अंपायर को ऐसा महसूस होता है कि वह खिलाड़ी आउट होने से बचने के ऐसा कर रहा है तो अंपायर उसे आउट करार दे सकता है।

लेकिन कई बार चोट से बचने के चलते भी खिलाड़ी गेंद को हाथ लगाते हैं। ऐसे में अंपायर के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो जाती है कि खिलाड़ी को आउट दिया जाए या ना दिया जाए। अगर सामने वाली टीम के खिलाड़ी अपील कर देते हैं तो अंपायर के सामने बल्लेबाज को आउट करने की चुनौती आ जाती है।

4. अगर अपील न की जाए तो क्या बल्लेबाज नॉट आउट रहेगा?

हर्षल पटेल

कई बार टीवी स्क्रीन पर मैच देखने के दौरान हम और आप में से कई लोगों ने देखा होगा कि स्टेडियम में दर्शकों की भारी भीड़ के शोर मचाने के कारण अंपायर उस आवाज को नहीं सुन पाते हैं जब गेंद बल्लेबाज के बैट से लगकर विकेटकीपर के दस्तानों में समा जाती है। और आवाज ना सुनने के कारण यह बल्लेबाज को आउट नहीं देते हैं। लेकिन अब डिसीजन रिव्यू सिस्टम तकनीक का इस्तेमाल करके इस मुसीबत से छुटकारा पा लिया गया है। लेकिन अगर क्षेत्ररक्षण कर रही थी अपील ना करें तो ऐसी स्थिति में क्या होता है?

क्रिकेट के नियमों पर गौर करें तो जब तक क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम का कोई खिलाड़ी अपील नहीं करता है तो अंपायर किसी भी खिलाड़ी को आउट करार नहीं देता है। लेकिन अब इस खेल के खेलने के रवैए में बदलाव देखा गया है और बल्लेबाज आउट होने के बाद इमानदारी से क्रीज छोड़ देता है। लेकिन क्रिकेट में ऐसा निगम मौजूद है कि फील्डिंग करने वाली टीम का कोई खिलाड़ी अगर अपील नहीं करता है तो बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जा सकता है।

5. चोटिल होने के बाद अगर खिलाड़ी मैदान से लौटता है तो…

JASON ROYक्रिकेट के खेल में थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद बदलाव देखने को मिलते रहते हैं।पहले के समय में चोटिल होकर खिलाड़ी आराम से पवेलियन में जाकर बैठ जाता था और उसकी जगह पर सब्सीट्यूट फील्डर मैदान में फील्डिंग के लिए उतरता था। बहुत से खिलाड़ी इस नियम का बेजा इस्तेमाल करते थे। ऐसे में क्रिकेट के नियमों को बनाने वाली संस्था एमसीसी ने इस रूल में बदलाव कर दिया था।

इसके बाद अगर कोई बल्लेबाज मैदान से बाहर लौटना चाहता है तो उसके लिए उसे वाजिब कारण बताना होगा।इस नियम की सबसे बड़ी खूबी है कि जो खिलाड़ी कितनी देर तक के लिए मैदान से बाहर जाता है वह उतनी देर गेंदबाजी या फिर बैटिंग नहीं कर सकता है। इस नियम के आने के बाद काफी हद तक खिलाड़ी इस नियम का गलत उपयोग नहीं करते हैं।