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कोरोना संदि’ग्ध ने आइसोले’शन वा’र्ड से किया पिता का अं’तिम दर्शन, आ’खिरी वक्त में मिल भी न पाए

New Delhi: कोरोना वायरस आज के टाइम में पूरी दुनिया के लोगों के लिए आतं’क का सबब बना हुआ है। जिस तरह से ये पूरी दुनिया पर फैल रहा है। उसे देखते हुए वर्ल्ड है’ल्थ ओर्गनाइजेशन ने पहले ही इसे ग्लोबल लेवल की महा’मारी घोषित कर दिय है। भारत में कोरोना वायरस पॉजि’टिव लोगों की गिनती बढ़कर 85 हो गई है, वहीं इस वाय’रस से 2 लोगों को अपनी जा’न से हाथ धो’ना पड़ा है। एक ओर जहां लोग कोरोना वायर’स के कारण अपने लोगों को खो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोरोना वाय’रस ने कई लोगों को अपने से दूर भी कर दिया। ऐसी एक दिल छू जाने वाली एक कहानी सामने आई है, जो भारत के सबसे शिक्षित राज्य केरल की है।

हाल ही में केरल के रहने वाले एक शख्स ने कोरोना वायर’स के कारण अपनी ल’चारी और बेब’सी की कहानी को फेसबुक पर सबके साथ शेयर किया है। इस शख्स ने बताया कि कैसे कोरोना वाय’रस पॉजिटिव होने की श’क की वजह से वो पिता आखिरी बार देख भी नही पाया, जिसे मिलने और देखने के लिए वो कतर से भारत वापस आया था। ये शख्स कतर में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है, वहीं उसका पूरा परिवार केरल के सेंटर थोडुपुझा के अलैकोड गांव में रहता है।

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फेसबुक पर अपने द’र्द को ब’यां करते हुए शख्स ने लिखा-“7 मार्च को मेरे भाई का मैसेज आया जिसमें उसने मुझे कॉल करने को कहा था। जब मैने फोन किया, तो मुझे पता चला कि मेरे पापा सोने के टाइम बेड पर गि’र गए है, जिसकी वजह से उन्हें गं’भीर चो’ट लग गई है। चो’ट लगने के बाद उन्हें अलप्पुझा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गाया।”

अपने दु’ख बयां करते हुए उस शख्स’ ने आगे लिखा-“बाद में जब मैने कतर से फोन किया तो मुझे पता चला कि मेरे पिता को इं’टर्नल ब्ली’डिंग हो रही है। ये सुनने के बाद मैंने फौरन अपने ऑफिस में फोन किया, फिर उन्होंने मेरी भारत की फ्लाइट बुक कि,केरल पहुंचने के बाद वहां मेरा कोरोना वाय’रस के लिए स्क्रीनिंग की गई, जिसके बाद मुझे मेरे गांव जाने की इजाजत दी गई। मैं सीधे अस्पताल पहुंचा जहां मैंने अपने पिता को देखा और मिला। लेकिन जैसे ही मैं अस्पताल के बाहर निकला मुझे खां’सी और गले में खुजली होने लगीं।

पहले मैने इसे इगनौर किया। लेकिन फिर बाद में मैंने डॉक्टर से मुलाकात की। जहां डॉक्टर ने मुझे कहा कि कतर के काफी इलाकों में कोरोना वायर’स तेजी से फैल रहा है, इतना कहने का बाद डॉक्टर ने मुझे आईसोलेशन वार्ड में भेज दिया। जहां 9 दिन भर्ती रहने के बाद मुझे पता कि पिता जी अब नहीं रहे। उन्हें हार्ट आटै’क आया था और इलाज के दौरान ही वो दुनिया को अल’विदा कह गए। लेकिन आईसोलेशन वार्ड के प्रोटोकॉल्स की वजह से मैं अपने पिता को आखिरी बार भी नहीं देख पाया। अगले दिन मेरे पिता की बॉडी को मेरे वॉर्ड के सामने से ले जा रहे थे। लेकिन मैं उन्हें देख नहीं पाया…उनसे मिल पाया।”